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Amit Shah ने कहा- सरदार पटेल को लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया

केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने मंगलवार को दिल्ली में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर आयोजित ‘एकता रन’ को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, मनोहर लाल खट्टर, नित्यानंद राय और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी उपस्थित थे।

सरदार पटेल की विरासत का महत्व

Amit Shah ने अपने संबोधन में सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को उजागर करते हुए कहा कि उन्हें लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया। उन्होंने कहा, “यह सरदार पटेल की दूरदर्शिता और तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता का परिणाम था कि 550 से अधिक रियासतें भारत संघ में विलीन हो गईं और देश एकजुट हुआ।”

शाह ने कहा, “सरदार पटेल के कारण लक्षद्वीप, जूनागढ़, हैदराबाद और अन्य सभी रियासतें भारत में मिल गईं। लेकिन सरदार पटेल की विरासत को मिटाने और कमजोर करने के प्रयास किए गए।”

प्रधानमंत्री मोदी की पहल

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने केवडिया में सरदार पटेल की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापित की और उन्हें उचित सम्मान दिया।

भारत के विकास की दिशा में

Amit Shah ने कहा कि अब देश की जनता एकजुट हो गई है और प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने के लिए समर्पित है, जिसके तहत 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक भारत सभी मानकों पर दुनिया का प्रमुख देश होगा।

एकता रन का आयोजन

Amit Shah ने कहा कि ‘एकता रन’ हर साल पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को आयोजित किया जाता है। लेकिन इस वर्ष दीवाली के कारण इसे दो दिन पहले आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा, “आज धनतेरस है और हम इस शुभ अवसर पर दौड़ का आयोजन कर रहे हैं।”

Amit Shah ने कहा- सरदार पटेल को लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया

मोदी सरकार ने 2014 से 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की है, जिसका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखना और मजबूत करना है।

सरदार पटेल का योगदान

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाद में हुआ था। वह भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने 550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में विलीन करने का कार्य किया, जो कि भारतीय एकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।

राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम

राष्ट्रीय एकता दिवस के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि सरदार पटेल के योगदान को याद किया जा सके और भारत की एकता को मजबूत किया जा सके। पिछले हफ्ते, Amit Shah ने घोषणा की थी कि सरकार 2024 से 2026 तक सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर एक दो साल लंबा राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करेगी, ताकि उनके महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित किया जा सके।

सरदार पटेल ने जिस प्रकार से भारत के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने का कार्य किया, वह आज भी प्रेरणादायक है। Amit Shah के इस संबोधन से स्पष्ट होता है कि वर्तमान सरकार सरदार पटेल की विरासत को सम्मानित करने और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज का कार्यक्रम न केवल सरदार पटेल की याद दिलाने के लिए है, बल्कि यह देशवासियों को एकजुटता और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पित रहने का संदेश भी देता है।

आगे का रास्ता

Amit Shah ने यह भी कहा कि देश को एकजुट रखने के लिए सभी नागरिकों को मिलकर प्रयास करना होगा। हमें सरदार पटेल के विचारों और उनके संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए और एक समृद्ध और विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

सरदार पटेल का योगदान और उनकी विचारधारा आज भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें चाहिए कि हम उनके सिद्धांतों को अपनाएं और अपने देश को एकजुटता के सूत्र में बांधकर रखें।

इस प्रकार, Amit Shah का यह संबोधन केवल एक समारोह नहीं था, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और एकता के प्रतीक के रूप में सरदार पटेल के योगदान को मान्यता देने का एक प्रयास था।

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